थोडा
सा गुस्सा
थोड़ा सा प्यार
थोड़ा नखरा
थोड़ी सी हया है
गोरी! तेरी इन
आँखों कि पिटारी में
बता
और क्या क्या है ?
न
न भाँग
न धतूरा
न शराब
फिर भी
चढ़ जाए तो
फिर न उतरे
बता तेरी
बातों में
नशा कौन सा
घुला है ???
तू
न हाँ कहती है
न "ना " कहती है
फिर क्यूँ इत्ती बातें करती है
मुझको
कुछ तो बता
तेरे मन में
क्या है ????
मुकेश इलाहाबादी -----
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