बैठे ठाले की तरंग -----------------------
महकी महकी रातें हैं, बहके बहके दिन
बोली तेरी सुन कर हम चहके सारे दिन
फीका महुआ, आम दशहरी,खटटे सारे फल
मीठी मीठी बातें तेरी, हम गुनते सारी दिन
जान न पायी दुनिया सारी, पी कर आये बोतल
थोडी़ तेरी ऑखों से पी, हम बहके सारा दिन
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------
महकी महकी रातें हैं, बहके बहके दिन
बोली तेरी सुन कर हम चहके सारे दिन
फीका महुआ, आम दशहरी,खटटे सारे फल
मीठी मीठी बातें तेरी, हम गुनते सारी दिन
जान न पायी दुनिया सारी, पी कर आये बोतल
थोडी़ तेरी ऑखों से पी, हम बहके सारा दिन
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------
बहुत सुंदर प्रस्तुति...
ReplyDeletethnx Kailash Sharmaa jee - Hauslaa Aafzaaee ke liye
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