Pages

Monday, 11 June 2012

आप से हमारी मुलाक़ात हो गयी


बैठे ठाले की तरंग ---------------
आप से हमारी मुलाक़ात हो गयी
तपती ज़िन्दगी, बरसात हो गयी
कांटो की बेतरतीब झाड ज़िन्दगी
आपसे मिल के गेंदा गुलाब हो गयी
साजे दिल पे आपने  हाथ रख दिया
ज़िन्दगी  हमारी  सितार  हो  गयी
आपकी मुहब्बत के पैमाने में ढलके
ज़िन्दगी  आब  थी  शराब  हो  गयी 
 

मुकेश इलाहाबादी -------------------

1 comment:

  1. क्या खूब बकवास की है........!!!

    ReplyDelete