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Wednesday, 4 July 2012

एक प्रार्थना बादल से -----


एक प्रार्थना बादल से  ------

बादल तुम बरसो पर वहा बरसो, जहां--
तुम्हारे संग नाचने वाले थिरकने वाले हों।
बादलों तुम वहां बरसों, जहां---
तुम्हारे गरजने बरसने पे गीत गाये  जाते हों।
मेघ तुम वहां बरसो,जहां ...
मेघ मल्हार गाने वाले हों।
बादलो तुम उस गांव बरसो, जहां ---
धान तुम्हारे बरसने से और धानी हो हो कर झूमते हों।
बदलों तुम वहां बरसो, जहां ----
धरती सूख के दरक रही हो
बादल तुम वहां मत बरसो, जहां ---
बस बरसना है और बरस के नालों व पोखरों मे बह जाना हो।
बादलों तुम बरसो खूब बरसो पर
किसी फूस की इकलौती झोपड़ी पे मत बरसो।
बरसो पर उसके आंगन मे
उसके खेते मे
उसके मन मे
बादल बरसो उस आँगन में, जंहा
खुशी से चीखकर --
बच्चे चलते हों नाव कागज़ की
बादल बरसो  तुम उस कुञ्ज मे बरसो
जहां झूले पे झूलती हों बालाऐं
और खुशी के गीत गाती हों ----

मुकेश इलाहाबादी ----------------

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