एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 28 January 2013
कुछ ग़म कुछ उदासी कुछ तन्हाइयां, ये कुछ
कुछ ग़म कुछ उदासी कुछ तन्हाइयां, ये कुछ
तोहफे हैं जो पाए हैं हमने सोह्बत ऐ यार मे
तेरे हिज्र में रोना और तेरी तेरे याद में रहना
फक्त इतना ही हासिल हुआ तुम्हारे प्यार मे
मुकेश इलाहाबादी ----------------------------
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