गर परवाने से मुहब्बत नहीं होती
शम्मा यूँ रात भर न जली होती ?
भँवरे तो बेवजह बदनाम होते हैं
कलियाँ ही पहले मुस्कुराती हैं
मुकेश इलाहाबादी ---------------
शम्मा यूँ रात भर न जली होती ?
भँवरे तो बेवजह बदनाम होते हैं
कलियाँ ही पहले मुस्कुराती हैं
मुकेश इलाहाबादी ---------------
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