बंद सीलिंग फैन
की पंखुडी पे बैठी
चिडिया को देखती है
टुकुर टुकुर,,
चिडिया कुछ देर
यूं ही झूलेगी, फिर
कमरे का चक्कर लगा के
उड जायेगी वातायनो से
अनन्त आकाश मे और,
वह फिर रह जायेगी
सुनती हुयी कमरे की खामोशी
सनन सनन
मुकेश इलाहाबादी .....
की पंखुडी पे बैठी
चिडिया को देखती है
टुकुर टुकुर,,
चिडिया कुछ देर
यूं ही झूलेगी, फिर
कमरे का चक्कर लगा के
उड जायेगी वातायनो से
अनन्त आकाश मे और,
वह फिर रह जायेगी
सुनती हुयी कमरे की खामोशी
सनन सनन
मुकेश इलाहाबादी .....
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