हो सके तो सच की निगाहों से देखना
हो सके तो सच की निगाहों से देखना
झूठे इल्जामात से परदा हटा के देखना
तुम्ही मुंसिफ तुम्ही मुददा तुम्ही मुददई
मेरे सबूतों को मददेनजर रखके देखना
सिर्फ इतनी इल्तजा है आप मुहब्ब्त को
गुनाहों की फेहरिस्त से हटा के दखना
मुकेष इलाहाबादी .....................
No comments:
Post a Comment