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Friday, 19 July 2013

हो सके तो सच की निगाहों से देखना
























हो सके तो सच की निगाहों से देखना
झूठे इल्जामात से परदा हटा के देखना

तुम्ही मुंसिफ तुम्ही मुददा तुम्ही मुददई
मेरे सबूतों को मददेनजर रखके देखना

सिर्फ इतनी इल्तजा है आप मुहब्ब्त को
गुनाहों की फेहरिस्त से हटा के दखना

मुकेष इलाहाबादी .....................



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