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Saturday, 8 February 2014

कानून के सारे पेच ओ ख़म जानते हैं

कानून के सारे पेच ओ ख़म जानते हैं
सज़ा ऐ ज़ुर्म से कैसे बचे हम जानते हैं

सत्ता पे किस तरह रहा जाए काबिज़
शाम दाम दंड भेद सबकुछ  जानते हैं

हर बार नए वादे नए नारे नए शगूफे
राजनीति  की सब तिकड़म जानते हैं

जनता का वोट औ जनता का ही पैसा
उनपे कैसे करें हम हुक़ूमत जानते हैं

अंग्रेज़ चले गए तो क्या अंग्रेज़ी तो है
भाई - २ को कैसे बाटा जाय जानते हैं

मुकेश इलाहाबादी -----------------------


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