Pages

Thursday, 26 June 2014

मेरे घर की तरफ से रास्ता है

मेरे घर की तरफ से रास्ता है
मेरा सिर्फ इतना ही राब्ता है

जिस दिन पड़ोस में रहने आयी
ज़िदंगी का वो इक हसीं हादसा है

आज भी उसके लिए मै अजनबी हूँ,
ये दिल जिसके नाम से धड़कता है

तूने जब  हिना ग़ैर के नाम की रचा ली
फिर मेरे ग़म ऑ खुशी से क्या वास्ता है

मुकेश इलाहाबादी -------------------------

No comments:

Post a Comment