सड़क और कारखाना बना रहे हैं
विकास का झुनझुना बजा रहे हैं
चेहरे की ये कालिख नहीं दिखती
मगर घर और गाड़ी चमका रहे हैं
जिस खेत में अनाज उगा करते थे
आज मॉल औ एपार्टमेंट बना रहे हैं
पेरेंट्स इस बात से खुश हो रहे हैं
उनके बच्चे ऐप् व नेट चला रहे हैं
मुकेश इस बात को लेकर दुखी है
ये किस विनास की ओर जा रहे हैं
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
विकास का झुनझुना बजा रहे हैं
चेहरे की ये कालिख नहीं दिखती
मगर घर और गाड़ी चमका रहे हैं
जिस खेत में अनाज उगा करते थे
आज मॉल औ एपार्टमेंट बना रहे हैं
पेरेंट्स इस बात से खुश हो रहे हैं
उनके बच्चे ऐप् व नेट चला रहे हैं
मुकेश इस बात को लेकर दुखी है
ये किस विनास की ओर जा रहे हैं
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
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