एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 4 August 2014
मशाल बन के हम जला करते हैं
मशाल बन के हम जला करते हैं
तीरगी में जुगनू सा फिरा करते हैं
मुकेश इलाहाबादी ------------------
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