सिर्फ दुआ सलाम का राब्ता रक्खा
रिश्तों में हमेशा इक फासला रक्खा
तमाम बेरुखी सहने के बावजूद भी
चारग उम्मीद का हमने जला रक्खा
ऐसा नहीं ख़ल्वत में मुलाकात न हुई
दरम्यान अपने हया का परदा रक्खा
पहलू में अपने समंदर लिए फिरते थे
फिर भी हमें उम्र - भर पप्यासा रक्खा
गर आज मुलाक़ाात हो गयी मुकेश तो
दूसरी मुलाक़ात में इक वक्फ़ा रक्खा
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
ख़ल्वत - एकांत / राब्ता - सम्बन्ध / वक़्फ़ा - अंतराल
रिश्तों में हमेशा इक फासला रक्खा
तमाम बेरुखी सहने के बावजूद भी
चारग उम्मीद का हमने जला रक्खा
ऐसा नहीं ख़ल्वत में मुलाकात न हुई
दरम्यान अपने हया का परदा रक्खा
पहलू में अपने समंदर लिए फिरते थे
फिर भी हमें उम्र - भर पप्यासा रक्खा
गर आज मुलाक़ाात हो गयी मुकेश तो
दूसरी मुलाक़ात में इक वक्फ़ा रक्खा
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
ख़ल्वत - एकांत / राब्ता - सम्बन्ध / वक़्फ़ा - अंतराल
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