एक और हंसी रात होगी
चाँद तारों की बारात होगी
आज फिर दिन पिघलेगा
आज फिर बरसात होगी
लम्हा - लम्हा मुस्कुराएगा
जब तुमसे मुलाक़ात होगी
ये दूरियां सब मिट जाएंगी
दिल से दिल की बात होगी
हर सिम्त फूल महकेंगे,औ
खिली खिली क़ायनात होगी
मुकेश इलाहाबादी ------------
चाँद तारों की बारात होगी
आज फिर दिन पिघलेगा
आज फिर बरसात होगी
लम्हा - लम्हा मुस्कुराएगा
जब तुमसे मुलाक़ात होगी
ये दूरियां सब मिट जाएंगी
दिल से दिल की बात होगी
हर सिम्त फूल महकेंगे,औ
खिली खिली क़ायनात होगी
मुकेश इलाहाबादी ------------
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