एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Wednesday, 3 December 2014
दिल को शुकूं मिलता है हक़ीक़त
दिल को शुकूं मिलता है हक़ीक़त से
ख़्वाबों से कंहा तबियत बहलती है
मुकेश इलाहाबादी --------------------
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