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Tuesday, 29 December 2015

तेरी खुश्बू आस पास है

तेरी खुश्बू आस पास है
बस  यही  ख़ास बात है 

मेरा - तेरा मिलना भी
इक हसीन इत्तफ़ाक़ है

सुबहो शाम की बेचैनी
ये ईश्क की शुरुआत है

ये फूल कलियाँ बेमानी
मेरे लिए तू ही गुलाब है

चाँद सितारे दुनिया के
तू  ही  मेरा महताब  है

मुकेश इलाहाबादी -----

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