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Wednesday, 2 December 2015

वो बदन पे हया का दुशाला लिये

वो बदन पे हया का दुशाला लिये
मिला मुझसे इक फासला  लिये
रात छत पे चाँद फिर से चमका 
साथ सितारों का जलजला लिये
लाख मनाया मैंने उसे मगर वो
चला गया दूर दिल में गिला लिये 
मुकेश इलाहाबादी ----------------

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