ज़ुल्फ़ों का काँधे पे बिखरना भी खबर बन जाती है
तेरा यूँ रह रह के मुस्कुराना भी खबर बन जाती है
सोच तो मेरे महबूब अंजामे मुलाकात क्या होगा ?
जिस शहर में तेरा सांस लेना भी खबर बन जाती है
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------------
तेरा यूँ रह रह के मुस्कुराना भी खबर बन जाती है
सोच तो मेरे महबूब अंजामे मुलाकात क्या होगा ?
जिस शहर में तेरा सांस लेना भी खबर बन जाती है
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------------
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