एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 21 June 2016
यूँ सज संवर के अईना न देखा करो!
यूँ सज संवर के अईना न देखा करो!
अाईने के भी दिल कांच के होते हैं !
मुकेश इलाहाबादी -------------------
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