काश !!
मेरे पास
कोई ऐसा गुल्लक होता
जिसमे मैं
अपने हिस्से में मिले दिनों से
थोड़ा -थोड़ा वक़्त
बचा के रख लेता
और उसे
उस वक़्त खर्च करता
जब तुम मुझसे मिलने
बहुत थोड़ा वक़्त ले के आती
मुकेश इलाहाबादी -----------
मेरे पास
कोई ऐसा गुल्लक होता
जिसमे मैं
अपने हिस्से में मिले दिनों से
थोड़ा -थोड़ा वक़्त
बचा के रख लेता
और उसे
उस वक़्त खर्च करता
जब तुम मुझसे मिलने
बहुत थोड़ा वक़्त ले के आती
मुकेश इलाहाबादी -----------
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