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Saturday, 10 December 2016

घाव कभी अयाँ न किया

घाव कभी अयाँ न किया
दर्द  कभी बयाँ न किया

रात ही रात रही उम्र भर
इसलिए अजाँ  न किया

शुरुआत में ही कुचल डाले
ख्वाबों को  जवाँ न किया

मुकेश इलाहाबादी -----

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