मेरी आँखों की झील में तेरी तस्वीर
महताब पानी में लरज़ता हुआ देख
यूँ तो मैं उड़ता हुआ बादल आवारा
कभी अपनी बाँहों में सिमटता देख
गज़रा हूँ अपने गेसुओं में सजा कर
तू फिर आईने में अपना चेहरा देख
महताब पानी में लरज़ता हुआ देख
यूँ तो मैं उड़ता हुआ बादल आवारा
कभी अपनी बाँहों में सिमटता देख
गज़रा हूँ अपने गेसुओं में सजा कर
तू फिर आईने में अपना चेहरा देख
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