ख़ुद को और सजा लूँगा
दिल के दाग़ छुपा लूँगा
चेहरे पे मुस्कान होगी
मुखौटा एक लगा लूँगा
तेरे कोमल कोमल पांव
राह में फूल बिछा दूंगा
प्यारी प्यारी ग़ज़लों से
अपना तुझे बना लूँगा
मुकेश इलाहाबादी ----
दिल के दाग़ छुपा लूँगा
चेहरे पे मुस्कान होगी
मुखौटा एक लगा लूँगा
तेरे कोमल कोमल पांव
राह में फूल बिछा दूंगा
प्यारी प्यारी ग़ज़लों से
अपना तुझे बना लूँगा
मुकेश इलाहाबादी ----
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