तेरा नाम लिखता हूँ ख़त महकने लगता है
तेरी याद आती है,ये दिल चहकने लगता है
जाने क्या क्या ख्वाब बुनता है, दिले नादाँ
सर्द रातों में भी तनबदन सुलगने लगता है
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------
तेरी याद आती है,ये दिल चहकने लगता है
जाने क्या क्या ख्वाब बुनता है, दिले नादाँ
सर्द रातों में भी तनबदन सुलगने लगता है
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------
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