प्रेम
में लड़की हंसती है तो
हँसता है
हँसता है आसमान
खिलते हैं फूल
मुस्कुराता है चाँद
खुश होती है क़ायनात
पर
प्रेम में धोखा खाती है
तो न आसमान हँसता है
न फूल खिलते हैं
न मुस्कुराता है चाँद
तब लड़की अकेली रोती है
मुकेश इलाहाबादी ------------
में लड़की हंसती है तो
हँसता है
हँसता है आसमान
खिलते हैं फूल
मुस्कुराता है चाँद
खुश होती है क़ायनात
पर
प्रेम में धोखा खाती है
तो न आसमान हँसता है
न फूल खिलते हैं
न मुस्कुराता है चाँद
तब लड़की अकेली रोती है
मुकेश इलाहाबादी ------------
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