एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday, 27 July 2017
सांझ उतर आयी है
सांझ
उतर आयी है
चाँद भी निकलने वाला होगा
आओ छत पे चलते हैं
रात
चाँद सफर में है
आओ हम भी निकलें
ख्वाबों के सफर में
सुबह
चाँद डूब जायेगा
कुछ देर में
खिड़िकयों के परदे लगा दो
हम भी कुछ देर सो लें
मुकेश इलाहाबादी --
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