जो तेरे साथ आता है, कहीं और नहीं आता है
दिल का क्या दिल तो कँही भी बहल जाता है
है मजा मुहब्बत में मुकेश कुछ रोज़ ही आता
दिल बाद उसके उम्रभर,ग़म का बोझ उठाता है
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------
दिल का क्या दिल तो कँही भी बहल जाता है
है मजा मुहब्बत में मुकेश कुछ रोज़ ही आता
दिल बाद उसके उम्रभर,ग़म का बोझ उठाता है
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------
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