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Sunday, 15 October 2017

जाने कौन सा जादू जानते हो संवरते जा रहे हो

जाने कौन सा जादू जानते हो संवरते जा रहे हो
उम्र बढ़ने के साथ -साथ और खिलते जा रहे हो

कौन सी नदी या फुहारे में  नहाते हो तुम जो ?
जिधर से गुज़रते हो इत्र सा महकते जा रहे हो

मुकेश इलाहाबादी ---------------------------------

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