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Sunday, 8 October 2017

मशालें कंही खो गयी

हैलोजम
और नियॉन बल्ब की
रोशनी में मशालें कंही खो गयी हैं
आओ एक बार फिर चलें हम
मनाने चलें उन हाथों को
जो मशालें लिए आगे - आगे चला करते थे
लड़ने के लिए
अँधेरे एक ख़िलाफ़

मुकेश इलाहाबादी -------------

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