जब
कभी लिखना चाहा कविता
धरती की धारणा शक्ति और सहनशीलता पे
तब तुम बहुत याद आये
गर कभी
लिखना चाहा कविता
किसी फूल पे
तब तब तुम बहुत याद आये
जब जब लिखना चाहा कविता
तुम बहुत याद आये
मुकेश इलाहाबादी ----
कभी लिखना चाहा कविता
धरती की धारणा शक्ति और सहनशीलता पे
तब तुम बहुत याद आये
गर कभी
लिखना चाहा कविता
किसी फूल पे
तब तब तुम बहुत याद आये
जब जब लिखना चाहा कविता
तुम बहुत याद आये
मुकेश इलाहाबादी ----
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