इक प्यास ले के ज़िंदा हूँ
तेरी आस ले के ज़िंदा हूँ
गर मै ज़िंदा हूँ अभी तो
तेरी साँस ले के ज़िंदा हूँ
तेरा बदन खुशबू खुशबू
वो सुवास ले के ज़िंदा हूँ
मुकेश इलाहाबादी -----
तेरी आस ले के ज़िंदा हूँ
गर मै ज़िंदा हूँ अभी तो
तेरी साँस ले के ज़िंदा हूँ
तेरा बदन खुशबू खुशबू
वो सुवास ले के ज़िंदा हूँ
मुकेश इलाहाबादी -----
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