वज़ूद पे जंगल उग आये हैं
सीने में समंदर हरहराये है
मै, उड़ जाऊँगा खलाओं में
मुझे तो आसमान बुलाये है
तुझको क्या मालूम मुझे
तेरी अदाएं बहुत सताये है
पहले बहुत सीधा सादा था
चालाकी,दुनिया सिखाये है
मुकेश मै आज बहुत खुश हूँ,
मेरे ख़त का जवाब आये है
मुकेश इलाहाबादी ------
सीने में समंदर हरहराये है
मै, उड़ जाऊँगा खलाओं में
मुझे तो आसमान बुलाये है
तुझको क्या मालूम मुझे
तेरी अदाएं बहुत सताये है
पहले बहुत सीधा सादा था
चालाकी,दुनिया सिखाये है
मुकेश मै आज बहुत खुश हूँ,
मेरे ख़त का जवाब आये है
मुकेश इलाहाबादी ------
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