Pages

Tuesday, 19 June 2018

प्रेम को, महसूस करना चाहता हूँ,

मै ,
प्रेम को, महसूस करना चाहता हूँ,
बिना प्रेमी को छुए हुए ,
बिलकुल वैसे ही
जैसे,
कोई सौंदर्य प्रेमी
गुलाब को महसूसता है
उसकी सम्पूर्ण कोमलता
और ख़ूबसूरती के साथ
बिना उसे डाल से तोड़े हुए

मै प्रेम को अपने समस्त रंगो के साथ
महसूसना और जीना चाहता हूँ
जैसे कोई,
बच्चा तितली को उसके सतरंगी पंखो से साथ
उड़ते हुए देखा और उसके संग संग दौड़े  
बिना तितली को पकडे
बिना तितली के पंख मरोड़े हुए

मै -  प्रेम को जीना चाहता हूँ 
बिना प्रेमी को हार्ट किये हुए

मुकेश इलाहाबादी ------------------

No comments:

Post a Comment