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Monday, 16 July 2018

मै डरता हूँ तुमको बताने के लिए

मै  डरता हूँ तुमको बताने के लिए
जी रहा हूँ तुझे गुनगुनाने  के लिए

जस का तस हूँ तुम्हारे सामने मै
मेरे मुखौटे तो हैं ज़माने  के लिए

मै कोई जोकर नहीं मसखरा नहीं,  
लतीफे सुनाता हूँ, हंसाने  के लिए

चल - चल के बहुत थक गया हूँ मै
तेरी छाँव में आया हूँ सुस्ताने लिए

मुकेश इलाहाबादी ---------------

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