मै डरता हूँ तुमको बताने के लिए
जी रहा हूँ तुझे गुनगुनाने के लिए
जस का तस हूँ तुम्हारे सामने मै
मेरे मुखौटे तो हैं ज़माने के लिए
मै कोई जोकर नहीं मसखरा नहीं,
लतीफे सुनाता हूँ, हंसाने के लिए
चल - चल के बहुत थक गया हूँ मै
तेरी छाँव में आया हूँ सुस्ताने लिए
मुकेश इलाहाबादी ---------------
जी रहा हूँ तुझे गुनगुनाने के लिए
जस का तस हूँ तुम्हारे सामने मै
मेरे मुखौटे तो हैं ज़माने के लिए
मै कोई जोकर नहीं मसखरा नहीं,
लतीफे सुनाता हूँ, हंसाने के लिए
चल - चल के बहुत थक गया हूँ मै
तेरी छाँव में आया हूँ सुस्ताने लिए
मुकेश इलाहाबादी ---------------
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