कुछ
रिश्तों के रंग बहुत चटक होते हैं
जैसे सुर्ख गुलाब
भरते रहते हैं जीवन में एक उजास
कुछ रिश्ते होते हैं
शांत सौम्य और श्वेत
जो चांदनी सा उजाला भरते रहते हैं - अहर्निश
और महकते रहते हैं - रजनीगंधा सम
कुछ
रिश्ते होते हैं रंग हीन , गंध हीन , स्वाद हीन
हवा की माफिक -
पर अक्सर जिस्म और रूह को देती रहती हैं
एक ताज़गी और जीवन
जैसे तुम और मै
मुकेश इलाहाबादी ---------------
रिश्तों के रंग बहुत चटक होते हैं
जैसे सुर्ख गुलाब
भरते रहते हैं जीवन में एक उजास
कुछ रिश्ते होते हैं
शांत सौम्य और श्वेत
जो चांदनी सा उजाला भरते रहते हैं - अहर्निश
और महकते रहते हैं - रजनीगंधा सम
कुछ
रिश्ते होते हैं रंग हीन , गंध हीन , स्वाद हीन
हवा की माफिक -
पर अक्सर जिस्म और रूह को देती रहती हैं
एक ताज़गी और जीवन
जैसे तुम और मै
मुकेश इलाहाबादी ---------------
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