धरती
को जानने के लिए, पहले बीज बनना होता है
धरती के नीचे गुप्प अँधेरे मे दबे रहना होता है
खुद के वज़ूद को सड़ाना होता है
नष्ट करना होता है
तब कंही बहुत दिनो बाद
अंकुआओगे
पौधा बनोगे
पेड़ बन के तनोगे तब तुम
धरती को थोड़ा बहुत जान पाओगे
वर्ना, उसके पहले तो तुम
सिर्फ,
धरती पे पैदा होगे
चलोगे - फिरोगे
खाओगे - पियोगे
हगोगे - मूतोगे
धरती को नष्ट करोगे
और एक दिन इसी धरती की माटी में माटी हो जाओगे, लेकिन धरती को नही जान पाओगे
को जानने के लिए, पहले बीज बनना होता है
धरती के नीचे गुप्प अँधेरे मे दबे रहना होता है
खुद के वज़ूद को सड़ाना होता है
नष्ट करना होता है
तब कंही बहुत दिनो बाद
अंकुआओगे
पौधा बनोगे
पेड़ बन के तनोगे तब तुम
धरती को थोड़ा बहुत जान पाओगे
वर्ना, उसके पहले तो तुम
सिर्फ,
धरती पे पैदा होगे
चलोगे - फिरोगे
खाओगे - पियोगे
हगोगे - मूतोगे
धरती को नष्ट करोगे
और एक दिन इसी धरती की माटी में माटी हो जाओगे, लेकिन धरती को नही जान पाओगे
इसलिए धरती को जानने के लिए
हमारा बीज बनना और खुद को मिटाने के लिए तैयार होना बहुत ज़रूरी है
हमारा बीज बनना और खुद को मिटाने के लिए तैयार होना बहुत ज़रूरी है
मुकेश इलाहाबादी,,,,,,,,,,
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