शेष तुम्हारे साथी बदला गिन गिन 'के' लेंगे
पुलवामा के वीर शहीदों ये कुर्बानी व्यर्थ न होने देंगे
हम कवि वाणी में ओज भरेंगे, माताओं की कोख से शूरवीर जन्मेगें
जब तक बदला पूरा न हो, चैन से न बैठेंगे
छोड़ गए हो अपने पीछे, पत्नी बच्चे मात -पिता
अपने भरसक हमसब उनको, दुःख न होने देंगे
भावों से पुरनम श्रद्धांजलि, स्वीकार हे वीर जवानो
गुरू,मात, पिता के रहे ऋणी हम, अब ऋणी तुम्हारे भी होगें ।।
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------------------
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------------------
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