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Friday, 15 May 2020

एक बार ख़ूबसूरती के क़द्रदानों ने ख़ुदा से कहा "

एक बार
ख़ूबसूरती
के क़द्रदानों ने ख़ुदा से कहा
"ऐ ख़ुदा ! तूने रात के लिए
तो आँखों को
ख़ूबसूरती का शुकूँ देने
और रूह को ठंडक देने वाला
चाँद बनाया
पर दिन के पाले के लिए
तूने जलता हुआ सूरज बनाया
काश दिन के लिए भी एक चाँद होता ?"
ख़ुदा ने
उनकी दुआ क़ुबूल की
और एक खूबसूरत चाँद बनाया
जिसे ज़मी पे उतारा जो
रात ही नहीं दिन के उजाले में भी
तमाम रूहों की ठंडक बनी हुई है
और वो चाँद,
तुम हो - तुम हो- तुम हो सुमी
मुकेश इलाहाबादी --------------

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