आँख
अंधी और कान
बहरे हो चुके हैं
और ज़ुबान तालू से
चिपक चुकी है
(बोलने - देखने- सुनने वालों के )
अपनी
आँखें कान और ज़ुबान
गिरवी रख दी है
(कुछ चालाक लोगों ने )
अपनी अपनी
आँख - कान और जुबान
बचाये रखने के लिए
खुद को अँधेरे में छुपा रखा है
(कुछ डरे हुए लोगों ने )
मुकेश बाबू ! क्या बताओगे,
तुम इन तीनो में से किस कैटेगिरी में हो ????
मुकेश इलाहाबादी -----------------------
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