Pages

Saturday, 19 September 2020

ऐसा भी नहीं तुझसे मिला नही

 ऐसा भी नहीं तुझसे मिला नही

ख्वाबों को मै झूठा कहता नही
जिससे मिलता हूँ तेरी बात करूँ
मेरे पास कोई और किस्सा नही
तुझसे ही तो मेरी साँसे चलती हैं
कैसे कहू दूँ तू मेरा हिस्सा नही
चंपा नहीं चमेली नहीं गुलाब नहीं
गुलशन में कोई फूल तुम सा नहीं
तेरे जाने के बाद ये घर वीराना हैं
सिवाय मुक्कू के कोइ रहता नहीं
मुकेश इलाहाबादी -------------

No comments:

Post a Comment