Pages

Wednesday, 29 November 2017

दिल के तम्बूरे में सिर्फ तेरा ही राग बजता है

दिल के तम्बूरे में सिर्फ तेरा ही राग बजता है
वरना तो ये तम्बूरा हरदम गुप् - चुप रहता है

दुनिया  के झमेले से जो कभी फुर्सत मिले तो
मुक्कु अपनी धड़कनो को सुन्ना क्या कहता है

मुकेश इलाहाबादी --------------------------

No comments:

Post a Comment