जी तो चाहता है, तेरी आखों में कूद जाऊं, दरिया ऐ मुहब्बत में डूब जाऊं ग़र तू हाँ न करे तो, तेरे दर पे ही खुदकशी कर जाऊं जी तो चाहता है, टेसू, गुलाब, चंपा, कनेर गुलशन के सारे फूल तोड़ कर आब ऐ मुहब्बत मिला के एक नया नया रंग बनाकर तेरे तेरे गालों में लगा आऊँ और फिर जब तू शरमा के मुह दुपट्टे से छुपा के भाग जाए तब खुश हो के मै, ढपली बजा बजा, फागुन के गीत गाऊँ
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