एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Wednesday, 1 February 2012
कौन कहता है मुहब्बत ज़माने में नहीं बाकी
बैठे ठाले की तरंग -------------------------------
कौन कहता है मुहब्बत ज़माने में नहीं बाकी
वरना आप हमसे और हम आपसे रूबरू न होते
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मुकेश इलाहाबादी
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