एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Sunday, 5 February 2012
महताब हैं वो
बैठे ठाले की तरंग -----------------------
झूठ कहते हैं लोग महताब हैं वो
हमने छु के देखा है आफताब हैं वो
गुल पसंद लोग कहते हैं की
चमन का बेहतरीन गुलाब है वो
उनकी महफ़िल का हर रिंद बोला
मैखाने की बेहतरीन शराब है वो
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
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