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Thursday, 19 April 2012

कभी अपनी महकती साँसों को पढ़ लिया होता








कभी  अपनी  महकती  साँसों  को  पढ़ लिया होता
कोई चुपके से हवाओं में 'मुहब्बत' लिख गया होगा










मुकेश इलाहाबादी -----------------------------

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