एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 8 June 2012
ब ज़िद हैं हम,कि हर बार करेंगे
बैठे ठाले की तरंग -------------
ब ज़िद हैं हम,कि हर बार करेंगे
गुनाह-ऐ-मुहब्बत सौ बार करेंगे
कितनी ही बेवफाई कर लो मुझसे
हम तो तुम्ही पे ऐतबार करेंगे
जब तक आने का वादा न करोगी
मिन्नतें हम तुमसे बार बार करेंगे
मुकेश इलाहाबादी -----------------
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