Pages

Tuesday 21 August 2012

ये जो मोगरे के गजरे के संग जो मेहंदी रचाया है

 
ये जो मोगरे के गजरे के संग तुमने मेहंदी रचाया है
परी सी लगती हो  क्या  क़यामत ढाने का इरादा है ?
मुकेश इलाहाबादी -------------------------------------



No comments:

Post a Comment