एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Monday, 10 September 2012
तुम मेरी नज़रों का क्या असर देखते हो ?
तुम मेरी नज़रों का क्या असर देखते हो ?
तेरी एक नज़र ने तो हमको मार डाला है !
मुकेश इलाहाबादी -----------
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