एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Sunday, 30 September 2012
परवाना शमा पे जब जल मरा होगा
परवाना शमा पे जब जल मरा होगा
शम्मा में भी तो कुछ कम हुआ होगा
अगर कुछ मन न हुआ होता, तो,,,,,
शमा का जिस्म न यूँ थरथराया होता
मुकेश इलाहाबादी ------------------
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