एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 5 October 2012
ये तो अच्छा है तू झुकाए रहती है अपनी पलकें
ये तो अच्छा है तू झुकाए रहती है अपनी पलकें
वरना ख़ाक हो गए होते तेरे चाहने वाले -------
मुकेश इलाहाबादी ----------------
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